sksblog.comsksblog.com

लाभांश के लिए शेयर लेने की जगह डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश बेहतर

By-sksblogs.com (संजय कुमार सैनी)
कंपनियां इन दिनों 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष के लिए फाइनल डिविडेंड की घोषणा कर रही हैं। इसके चलते ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, जो जोरदार डिविडेंड दे रही हैं। हालांकि, निवेशकों को ये भी देखना चाहिए कि सीधे शेयर खरीदकर हाई डिविडेंड का लाभ उठाने का प्रयास ठीक है या डिविडेंड बोल्ड फंड में निवेश बेहतर है।
डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश कीजिए।

डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश तीन वजहों से बेहतर


1 फंड मैनेजर हाई डिविडेंड यील्ड शेयर आसानी से चुन सकते हैं। उन्हें इस बात की बेहतर समझ होती है कि भविष्य में कौन

सी कंपनियां शानदार डिविडेंड दे सकती हैं।
2. टैक्स की बचत-म्यूचुअल फंड पास-थ्रू संस्थाएं हैं, लिहाजा स्कीम लेवल पर मिले डिविडेंड पर टैक्स नहीं लगता। यही नहीं, फंड मैनेजर द्वारा कैपिटल गेन बुक करने पर भी टैक्स नहीं लगता है।
3. कम्पाउंडिंग.आपका निवेश कोई फंड मैनेजर संभाल रहा होता है, इसलिए फंड में होने वाली डिविडेंड आय को वह दोबारा निवेश करके निवेशक को कम्पाउंडिंग का
लाभ दिलाता है।

यर की फेस वैल्यू 10 रुपए है और सीधे शेयर लेने के नुकसान निकासी पर टैक्स की बचत कितना निवेश करना सही?
पनी ने 100% डिविडेंड की घोषणा है तो शेयरधारक को प्रति शेयर • रुपए मिलेंगे। यदि बाजार में उस यर की ट्रेडिंग 1,000 रुपए भाव हो रही हो तो निवेश की लागत पर माई सिर्फ 1% होगी। वैसे कंपनियां भी-कभार स्पेशल डिविडेंड भी हैं, जो बड़ा होता है। लेकिन ये समित प्रैक्टिस नहीं होती। हाई डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए शेयर खरीदने के अपने नुकसान हैं।

1. ऐसी कंपनियां तलाशना मुश्किल है, जो भविष्य में नियमित रूप से हाई डिविडेंड दे सकें।

2. निवेशक के हाथ में डिविडेंड की राशि स्लैब रेट पर टैक्सेबल होती है।

3. डिविडेंड के पैसे खर्च हो सकते हैं. कम्पाउंडिंग का लाभ नहीं मिलेगा।


यदि कोई निवेशक एक साल के बाद डिविडेंड यील्ड फंड से निकासी करता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है। लेकिन इसकी नौबत हमेशा नहीं आएगी। एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स-फ्री होता है। इससे ऊपर की आय पर ही 10 फीसदी टैक्स लगता है।

By-sksblogs.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *